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7 मार्च को पहनना था सेहरा और आज तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा शहीद मेजर चित्रेश

देहरादून: शहीद मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह अंतिम यात्रा के लिए उनके घर देहरादून पहुंचा। जिस बेटे को परिजन दुल्हे के सेहरे में देखने वाले थे वो तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचा तो  देहरादून की नेहरू कॉलोनी चिख पुकार से गूंज उठी। मेजर चित्रेश बिस्ट की अंतिम विदाई में देहरादून में जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने ‘अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे लगाए। उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी पहुंचे हैं।

जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर शनिवार को आईईडी बम को डिफ्यूज करने की कोशिश मेजर चित्रेश सिंह शहीद हो गए। शहीद मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट की सात मार्च को शादी होनी थी और पूरा परिवार उनकी शादी की तैयारी कर रहा था।  मेजर बिष्ट अपनी शादी के लिए 28 फरवरी को घर आने वाले थे।उनका पार्थिव शरीर यहां मिलिट्री हॉस्पिटल में रविवार को पहुंचा।

अंतिम संस्कार के लिए इसे सोमवार सुबह उनके आवास पर लाया गया और अंतिम यात्रा निकाली गई।  पिता एस.एस. बिष्ट  पुलिस से रिटायर है।  अपने बेटे की शादी के ज्यादातर कार्ड बांट चुके थे और शादी के लिए गांववासियों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करने के लिए वह इसी महीने रानीखेत में अपने गांव पीपली गए थे।  मेजर चित्रेश नौशेरा सेक्टर में बम निरोधक दस्ते की अगुआई कर रहे थे, जब आईईडी में विस्फोट हुआ।

मेजर के परिजन और पड़ोसी उन्हें इंजीनियरिंग कॉर्प्स का बहादुर और ईमानदार अधिकारी बुलाते थे।  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, “मैं देश की सेवा में मेजर बिष्ट की शहादत को नमन करता हूं और शहीद के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। संकट की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। ” राज्यपाल बेबी रानी मौर्या और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी मेजर बिष्ट के निधन पर शोक व्यक्त किया।शहीद के पार्थिव शरीर को गढ़ीकैंट सेना अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। सोमवार सुबह ओल्ड नेहरू कॉलोनी स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर लाया जाएगा। रविवार दोपहर साढ़े 12 बजे शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के पार्थिव शरीर सेना के विशेष विमान से जौलीग्रांट हवाई अड्डे पहुंचा। हेलीकॉप्टर से जीटीसी हैलीपैड पहुंचने के बाद पार्थिव शरीर को सेना के वाहन से सीधे मिलिट्री अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद उत्तराखंड सब एरिया के डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर एचएस जग्गी सेना के अफसरों के साथ पार्थिव शरीर के दून पहुंचने की सूचना देने ओल्ड नेहरू कॉलोनी स्थित शहीद मेजर के घर पहुंचे।

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