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उत्तराखण्ड के पहाड़ों में होगा क्रिकेट, बीसीसीआई के प्लान को फ्लोर में लाने की तैयारी

देहरादून: उत्तराखण्ड क्रिकेट अब विश्व में पहचान बनाएगा। खासकर पहाड़ क्षेत्रों के युवा खिलाड़ियों को पहचान मिलेगी। पहाड़ी क्षेत्रों की प्रतिभा को पहचान देने की तैयारी बीसीसीआई कर रहा है। राज्य को मान्यता मिलने के बाद से क्रिकेट विकास को लेकर तमाम रास्ते खुल गए हैं। बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें घरेलू क्रिकेट के ढांचे को सही करना है। इसके अलावा बोर्ड के उपाध्यक्ष महिम वर्मा भी उत्तराखण्ड क्रिकेट को मंच देने के लिए मंथन कर रहे हैं। बीसीसीआई उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिये अच्छे कोचिंग सेंटर खोले जाएंगे। ट्रेनिंग के लिए बेहतर इंतजाम किये जाएंगे, साथ ही अच्छे मैदान भी विकसित किये जाएंगे। यहां पर ट्रेनिंग राज्य मे मौजूद बीसीसीआई मान्यता प्राप्त कोच द्वारा कराई जाएगी। इस कदम से सभी को उम्मीद है कि  उत्तराखंड के होनहार क्रिकेटर्स अपना खेल निखारने का मौका मिलेगा।

इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बीसीसीआई के उपाध्यक्ष महिम वर्मा दो दिवसीय दौरे पर रुद्रप्रयाग पहुंचे। उन्होंने चोपता के पास उषाड़ा गांव में बन रहे क्रिकेट स्टेडियम आकाश का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भविष्य की योजनाओं पर भी बात की। उन्होंने कहा कि उषाणा गांव में बन रहे क्रिकेट मैदान के आस-पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध होगी तो इस मैदान को उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन अपने अधीन कर कता है। सीएयू इस जगह को अपने अनुसार विकसित करेगी। महिम वर्मा ने कहा कि उत्तराखंड के मैदानी जिलों में क्रिकेट कोचिंग और प्रैक्टिस की सुविधाएं हैं, पर पर्वतीय जिलों में ये काम अब तक नहीं हो पाया।

बीसीसीआई अब पर्वतीय जिलों में अच्छे मैदान विकसित करने की योजना बना रही है। जहां कोचिंग और दूसरी सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस मौके पर विधायक मनोज रावत भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि चोपता में बन रहे क्रिकेट मैदान का निर्माण विधायक निधि से कराया जा रहा है। चोपता क्रिकेट ग्राउंड के निरीक्षण के बाद महिम वर्मा अगस्त्यमुनि पहुंचे। जहां उन्होंने भणज गांव में चल रहे चंडिका क्रिकेट क्लब टूर्नामेंट का उद्घाटन किया। 

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