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क्या उत्तराखण्ड की रणजी टीम में खेलेंगे दूसरे राज्य के खिलाड़ी ! मांगी गई है राय…

हल्द्वानी: राज्य में क्रिकेट को मान्यता मिलने के बाद उसके ढांचे को बनाने पर कार्य हो रहा है। उत्तराखंड कांसेंसस कमेटी ने राज्य में मौजूद क्रिकेट एसोसिएशन को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इस लिस्ट में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड को रणजी टीम, उत्तराखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन को अंडर-19 टीम, उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन को अंडर-19 तो वहीं यूनाइडेट क्रिकेट एसोसिएशन को अंडर-19 महिला क्रिकेट की जिम्मेदारी दी गई है। इस सभी एसोसिएशन को टूर्नामेंट कराने के लिए तैयारी करने के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी क्रिकेट एसोसिएशन ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

इन सभी के बीच खबर ये भी आ रही है कि कांसेंसस कमेटी के सदस्य (बीसीसीआई प्रतिनिधि) प्रो. रत्नाकर शेट्टी ने उत्तराखण्ड रणजी टीम में 3 प्रोफेशनल खिलाड़ियों को जगह देने पर राय मांगी हैं। सूत्रों की मानें तो इस बारे में मेल  किया है। वहीं पांच खिलाड़ियों के नाम एसोसिएशन के सामने रखे हैं। बता दें कि उत्तराखंड की सभी क्रिकेट एसोसिएशन संचालन को बनी कांसेंसस कमेटी के देखरेख में काम कर रही है। इस कमेटी की कमान (बीसीसीआई प्रतिनिधि) प्रो. रत्नाकर शेट्टी, राहुल जोहरी एवं रचित मेहरोत्रा संभाल रहे हैं।

अब सवाल ये उठता है कि अगर बाहर के खिलाड़ियों को राज्य की रणजी टीम में जगह दी जाती है तो उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों का क्या होगा? वहीं राज्य में प्रतिभा की कमी बिल्कुल नहीं है, पिछले दो दशकों में राज्य के खिलाड़ियों ने दूसरे स्टेट से खेलते हुए अपनी छवि स्थापित की है। उनके लिए यह पहला मौका है और बिना उन्हे खेलता देख किसी और कैसे मौका दिया जा सकता है। वहीं पिछले कई सालों में देखने को मिला है कई राज्यों ने गेस्ट खिलाड़ियों के रूप में एक खिलाड़ी को खिलाया है। इस लिस्ट में मोहम्मद कैफ (छत्तीसगढ़), विदर्भ (वसीम जफार) और राजस्थान (आकाश चोपड़ा) को अपनी टीम में जगह दी है। इस सुझाव का एक और पहलू है कि सीनियर खिलाड़ियों के होने से युवा खिलाड़ियों को सीखने में मदद होती है। सीनियर खिलाड़ी अपने सालों का अनुभव युवा खिलाड़ियों के साथ बांट सकते हैं।

इस मामले में उत्तरांचल क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव चंद्रकांत आर्य ने कहा कि इम मामले में केवल राय मांगी गई है। इस विषय पर अगली बैठक (20 अगस्त) में वर्ता होगी। हम एक गेस्ट खिलाड़ी के टीम में शामिल करने पर सहमत हो सकते हैं लेकिन तीन खिलाड़ियों के शामिल होने से हमारे राज्य के खिलाड़ियों के हित की हानि होगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास ओडिशा रणजी टीम से खेले सौरभ रावत के रूप में एक प्रो खिलाड़ी पहले से है।

बता दें कि हल्द्वानी के सौरभ रावत ने साल 2016-17 रणजी सीजन में ओडिशा से खेलते हुए डेब्यू किया था। बताया जा रहा है कि उन्होंने उत्तराखण्ड से खेलने के लिए एनओसी ले ली है।

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