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उत्तराखंड में पप्पू कार्की सर्वश्रेष्ठ लोक गायक,भावुक पत्नी ने चाहने वालो को किया समर्पित

देहरादूनः उत्तराखंड में लोक गायकों की बात हो और पप्पू कार्की की बात ना हो शायद ही ऐसा हो सकता है। अपनी कम उम्र में ही पप्पू कार्की ने अपने नाम का लोहा मनाया था। साथ ही स्वर्गीय कार्की ने लोक गायन के दम पर देश ही नहीं विदेशों में भी उत्तराखण्ड का नाम रोशन किया है। यही कारण है कि कार्की के सम्मान में आज भी कई कार्यक्रम कराये जा रहे है।

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वही शनिवार को दिल्ली के शाह ऑडिटोरियम हॉल सिविल लाइन में यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड-2019 की घोषणा हुई । समारोह में कई लोक गायकों को सम्मानित किया गया । जिनमें सर्वश्रेष्ठ लोक गायक,लोक गीत , निर्देशक और रिक्रिएशन आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। स्वर्गीय पप्पू कार्की को सर्वश्रेष्ठ लोक गायक के पुरस्कार से नवाजा गया। दिल्ली में हुए कार्यक्रम में स्वपप्पू कार्की की पत्नी कविता कार्की और बेटे दक्ष कार्की मौजूद थे। पुरस्कार लेते वक्त स्वर्गीय पप्पू कार्की की पत्नी कविता कार्की भावुक हो गई। कविता कार्की ने बताया कि उनकी गायकी हमेशा से उत्तराखंड की संस्कृति को समर्पित थी । कविता कार्की ने कहा कि ये पुरस्कार पप्पू कार्की के चाहने वालों के लिए है।

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उत्तराखंड सिने अवार्ड-2019 में कार्की के अलावा सर्वश्रेष्ट गीतकार में केएस तोमर को बिसरे अपने रीति रिवाज के लिए मिला , संगीतकार चंदन को घाम छाया ले और निर्देशक के लिए जगमोहन नेगी को आणा न जाणा को निर्देशन करने के लिए दिया गया । तो सर्वश्रेष्ठ रिक्रिएशन का अवॉर्ड अमित सागर को चैत्वाली के लिए दिया गया । आपकों बता दें कि स्वर्गीय पप्पू कार्की के बेटे दक्ष कार्की ने भी छोटे मंचो में गाना शुरू कर दिया। चाहने वालों का कहना है कि दक्ष कार्की  में पप्पू कार्की की झलक दिखाई देती है।

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